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परिणाम
आज दयाल बाबू की बेटी का सलाना परीक्षा का परिणाम आने वाला हैं। जब इनकी बेटी स्कूल जाने के लिये तैयार होकर आई तो इन्होने अपने ड्रªाईवर से गाड़ी निकाल कर स्कूल चलने को कहा। अभी यह लोग कुछ ही दूर गये थे कि बीच रास्ते में इनकी कार बंद हो गई। बेटी बार-बार जल्दी स्कूल पहुंचने के लिये जिद्द् करने लगी। उधर इनकी कार ऐसी रूकी की वो टस से मस होने को तैयार नही थी। एक जानकार ने कार का परीक्षण करने के बाद बताया कि इसमें तो पैट्रोल ही नही हैं। किसी तरह यह लोग धक्का लगा कर अपनी कार को नजदीक के पैट्रोल पम्ंप तक लेकर पहुंचे। गाड़ी में पैट्रोल भरवाते समय दयाल बाबू की नज़र कार में पड़े हुए एक डिब्बे पर पड़ी। उन्होने ड्राईवर से कहा कि इस डिब्बे में भी तेल भरवा लो, कभी फिर से इस तरह की मुश्किल आ जाऐं तो परेशानी नही होगी।
ड्राईवर ने जवाब दिया, साहब जी इस डिब्बे में तो पहले से ही पैट्रोल भरा हुआ हैं। दयाल बाबू ने गुस्सा करते हुए कहा कि फिर इतनी देर से उसे इस्तेमाल क्यू नही किया। इतनी गर्मी में कार को धक्का मारते-मारते मेरी तो जान ही निकल गई हैं। ड्रªाईवर ने सिर झुका कर कहा सर, आपने खुद ही तो कहा था कि यह पैट्रोल एमरजैंसी के लिये रखना हैं। दयाल बाबू ने लाल-पीले होते हुए कहा कि इससे बड़ी एमरजैंसी और क्या होगी? आज तू घर चल मैं तेरी अच्छे से हज़ामत बनाता हॅू। हाथ जौड़ कर ड्रªाईवर ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि सर, मैं ठहरा अनपढ़, मैं क्या जानू कि यह एमरजैंसी क्या होती है?
जब बेटी को सारा मामला समझ में आया तो उसने अपने पापा के कान में धीरे से कहा कि मुझे इसमें कार ड्रªाईवर की गलती कम और आपका दोश ज्यादा दिखाई दे रहा हैं। यदि आप अपने कर्मचारियों से हर काम में अच्छे नतीज़ों की उम्मीद रखते हो तो उन्हें हर बात एक अच्छे गाइड की तरह सरल भाशा में समझाया करों। यह बेचारा तो कुछ अधिक पढ़ा-लिखा भी नही हैं। हम जैसे लोग सारी जिंदगी पढ़ाई-लिखाई करके भी जीवन को उस समय तक नही बदल सकते जब तक हम उस ज्ञान को ढंग से अमल में लाना शुरू नही कर करते। आज के बाद यदि आप हर कर्मचारी से अच्छे परिणाम की उम्मीद करते हो तो फिर उन्हें अपने सभी निर्देष साफ-साफ समझाने का स्वभाव बनाओं। इन्ही बातों के मद्देनजर ही तो जौली अंकल भी अपनी हर कहानी इतनी सीधी सरल भाशा में लिखते है ताकि हर कोई उसका आनंद लेने के साथ षानदार परिणाम भी ले सकें।
जौली अंकल – 09810064112
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